हैती के लिए नई आशा

न्यू यॉर्क – हाल ही में लॉस पल्मास, हैती के ग्रामीण समुदाय के भ्रमण के दौरान मुझे उन परिवारों से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ जो 2010 के भूकंप के बाद वहां फैली हैजे की महामारी से सीधे-सीधे प्रभावित हैं. एक आदमी ने मुझे बताया कि इस महामारी ने न केवल उसकी बहन की जान ले ली बल्कि उसकी सास भी नजदीकी अस्पताल तक ले जाते वक्त मर गई. इस अस्पताल तक पैदल जाने में घंटों लग जाते हैं. अब वह और उसकी पत्नी अपने पांच अनाथ भतीजे-भतीजियों को पाल रहे हैं.

हैती में आज इस तरह की कहानियां आम हैं. सचमुच पूरे देश में हजारों लोग इस महामारी का कहर झेल रहे हैं. बुरे वक्त और त्रासदी को सहना उनकी नियती बन गई है.

लेकिन आशा की कुछ किरणें भी हैं. समुदाय के बीच बढ़े समन्वय और स्वच्छता प्रथाओं में परिवर्तन से लॉस पल्मास तथा पड़ोसी गांव जैकब के स्त्री, पुरुष और बच्चों को हैजा से मुक्ति मिली है. पिछले कुछ सालों से महामारी का प्रकोप कम हुआ है तथा आबादी को अन्य जल-जनित बीमारियों के संक्रमण का खतरा कम हुआ है. मिसाल के तौर पर एक परिवार जिससे मैं मिला उसने गर्व के साथ मुझे अपना नया वाटर फिल्टर दिखाया.

संपूर्ण स्वच्छता अभियान की सफलता में समुदाय-नीत रवैया अहम भूमिका निभाएगा. मेरी यात्रा के दौरान हैती के प्रधानमंत्री लॉरेंट लामोथे और मेरे द्वारा लॉस पल्मास में इस अभियान की शुरूआत की गई थी. उम्मीद है कि टिकाऊ स्वच्छ पैखानों के निर्माण में परिवारों के निवेश को प्रोत्साहन देने, वहनीय मूल्यों पर उन्नत स्वच्छता उत्पादों व सेवाओं को उपलब्ध कराने तथा विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त जल तथा स्वच्छता अवसंरचना सुनिश्चित कराने से अगले पांच साल में ऊंचे खतरों वाले इलाकों में बसे तीस लाख लोगों की स्वास्थ्य परिस्थितियों में सुधार आएगा. गांव से चलने से पूर्व हमने वहां नए सुरक्षित जल संसाधन की प्रतीकात्मक प्रथम आधार शिला भी रखी.

यह अभियान हैती से हैजा के उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित व्यापक कार्यवाई में नवीनतम कदम है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र तथा हैती सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. इस समिति को एक व्यापक रणनीति के क्रियांन्वयन का कार्य सौंपा गया है जिसमें हैजा की रोकथाम व प्रतिक्रिया के सभी पहलु तथा परिवारों व समुदायों को वृहत सहायता उपलब्ध कराना शामिल है.

इसके अलावा हैती के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा पैन-अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन/विश्व स्वास्थ्य संगठन मिलकर एक व्यापक टीकाकरण अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा वित्तपोषित इस अभियान में उन इलाकों के छह लाख लोगों को हैजा के टीके लगाए जाएंगे जहां इस बीमारी का सर्वाधिक प्रकोप है. दो लाख लोगों को अगले कुछ महिनों में तथा तीन लाख लोगों को इस साल के अंत तक टीके लगाए जाएंगे. पिछले साल प्रथम चरण के दौरान एक लाख लोगों को प्रतिरोधात्मक टीके लगाए गए थे.

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इन प्रयासों की बदौलत इस महामारी से मरने वालों की संख्या में काफी हद तक कमी आई है. इस साल के पहले कुछ महिनों के दौरान हैजा से ग्रस्त लोगों तथा इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या 2013 की इसी अवधि की तुलना में लगभग 75% घटी है और महामारी फैलने की शुरूआत से लेकर अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.

यह निश्चित है कि पश्चिमी गोलार्द्ध में हैजा के सर्वाधिक संभावित मामले अकेले हैती में पाए जाते हैं. ज्ञान व संपदा से संपन्न दुनिया में यह अस्वीकार्य है. लेकिन यह देश सफलता के मार्ग पर अग्रसर है. जिस तरह दुनियाभर में अन्य अत्यंत कठिन परिवेशों में हैजा का सफाया हुआ है उसी तरह यह हैती से भी मिटाया जा सकता है.

लेकिन अंशतः इस देश के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की बदौलत हैती तथा अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति में सुधार आ रहा है. सन् 2004 से संयुक्त राष्ट्र का स्थिरता मिशन (मिनस्टाह) हैती में सुरक्षा परिवेश को सुधारने, राजनीतिक प्रक्रिया को समर्थन देने, सरकारी संस्थानों को सुदृढ़ करने तथा मानव अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर रहा है. इसने 2010 के भूकंप के बाद से देश को स्थिर करने तथा पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई है.

मिनस्टाह के प्रयासों की बदौलत - तथा संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों के सहयोग से सुरक्षा हालात में भारी सुधार आया है. इसमें सशक्त न्यायिक व्यवस्था और अधिक प्रभावी राष्ट्रीय पुलिस बल का बड़ा योगदान है. इसी दौरान प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन की दरें बहुत अधिक बढ़ी हैं. ये 1993 में 47% से बढ़ कर आज 90% के करीब आ गई हैं.

लेकिन नाजुक राजनीतिक व सामाजिक स्थिति, कमजोर अर्थव्यवस्था तथा गहन वित्तीय तंगी के चलते हैती की निरंतर प्रगति निश्चितता से कोसों दूर है. अपने विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अवसरों में सुधार लाने हेतु हैती को इस साल के अंत तक अपने यहां विधायिका तथा स्थानीय चुनावों को संपन्न कराना चाहिए. ये चुनाव लंबे समय से लंबित हैं. हैती के नेताओं को अपने दलगत राजनीतिक मसलों से ऊपर उठ कर अपने मतभेदों को दूर करना चाहिए ताकि निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें, कानून का शासन स्थापित हो सके, मानव अधिकारों की रक्षा हो सके और देश में लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत हो सके.

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का निरंतर समर्थन भी आगे अनिवार्य बना रहेगा. सबसे जरूरी है कि अपनी 10 साल की 2.2 अरब डॉलर की राष्ट्रीय हैजा उन्मूलन योजना के लिए हैती को आर्थिक सहायता चाहिए. अभी तक 44.8 करोड़ डॉलर का मात्र 40% ही हैती को मिल पाया है. यह रकम अग्रिम चेतावनी, त्वरित प्रतिक्रिया, जल, स्वच्छता तथा टीकाकरण में पहले दो साल के दौरान निवेश के लिए जरूरी है. यह रकम कुल प्रस्तावित सहायता की मात्र 10% है.

हैजा महामारी से पार पाने तथा समावेशी आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी गुण लगाव तथा संकल्प हैती के लोगों में कूट-कूट कर भरे हैं. लेकिन इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय - विशेषकर इस क्षेत्र में कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को उनका साथ देने के लिए कमर कसनी पड़ेगी.

लॉस पल्मास में मैंने जो मेजबानी और प्रेम पाया उससे मैं अत्यंत प्रभावित हुआ. लेकिन मैं यह भी समझता हूं कि हैती के लोग आशा करते हैं कि उनकी सरकार और संयुक्त राष्ट्र उस दिन किए गए वादों को जरूर पूरा करेंगे. यदि हर कोई अपनी भूमिका को बखूबी निभाए तो हम हैती वासियों को ज्यादा स्वस्थ व अधिक संपन्न भविष्य दे पाएंगे जिसके वे हकदार हैं.

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