लंदन – प्रतिसूक्ष्मजीवों (एंटीमाइक्रोबियल) के प्रतिरोध की समस्या के समाधान के लिए, दुनिया को न केवल नई दवाओं की आवश्यकता है बल्कि इसके लिए हम सभी सात अरब लोगों का व्यवहार भी नया होना चाहिए। प्रतिजैविकों के गलत और आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल की वजह से, निमोनिया और तपेदिक जैसी आम संक्रामक बीमारियों के वर्तमान इलाजों में भी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, कुछ मामलों में तो वे पूरी तरह से रोगक्षम हो गए हैं।
लंदन – प्रतिसूक्ष्मजीवों (एंटीमाइक्रोबियल) के प्रतिरोध की समस्या के समाधान के लिए, दुनिया को न केवल नई दवाओं की आवश्यकता है बल्कि इसके लिए हम सभी सात अरब लोगों का व्यवहार भी नया होना चाहिए। प्रतिजैविकों के गलत और आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल की वजह से, निमोनिया और तपेदिक जैसी आम संक्रामक बीमारियों के वर्तमान इलाजों में भी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, कुछ मामलों में तो वे पूरी तरह से रोगक्षम हो गए हैं।