प्रवाहमान प्रवास

लंदन. सन् 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों का निर्धारण किया था. मकसद था विकास के महत्वपूर्ण उद्देश्यों यथा गरीबी उन्मूलन, लिंग समानता को बढ़ावा देना तथा बीमारियों की रोकथाम करना पर आधारित प्रगति को बढ़ावा देना. लेकिन सहस्त्राब्दि लक्ष्यों के निर्धारकों ने एक बेहद अहम मसले को नजरअंदाज कर दिया. यह था प्रवास. सौभाग्य से, ऐसा प्रतीत होता है कि विश्व नेतृत्व अब अपने 2015 के उपरांत अपनाए जाने वाले विकास एजेंडे में यह गलती नहीं दोहराएगा.

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