मार्टिगनी, स्विट्ज़रलैंड – यदि हम पृथ्वी पर पड़नेवाले सिर्फ दो मिनट के सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को पकड़कर उसका उपयोग करने में सक्षम हो पाते, तो यह पूरे एक वर्ष के लिए हमारी कारों में ईंधन भरने, हमारी इमारतों को रोशनी और ताप देने, और बिजली की हमारी अन्य सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होती। सीधे शब्दों में कहा जाए तो हम मानव बिजली की कमी का सामना नहीं कर रहे हैं। हम इसे पकड़ने और उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में तकनीकी चुनौती का सामना कर रहे हैं; और इस चुनौती का मुकाबला करने का सबसे कारगर तरीका इसका भंडारण करने के बेहतर तरीकों में निवेश करना है।
आज दुनिया की बहुत सी समस्याओं, तेल की आपूर्तियों के बारे में विवादों और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों के बारे में चिंताओं से लेकर बिजली की कमी और बिजली बंद होने के फलस्वरूप उत्पादकता और उत्पादन की हानि, के मूल में बिजली के उपयोग को देखा जा सकता है। दुनिया के बहुत-से अत्यधिक गरीब भागों में, ऊर्जा की कमी के कारण आर्थिक विकास पिछड़ जाता है। वैश्विक स्तर पर 1.3 बिलियन से अधिक लोगों को बिजली तक पहुँच प्राप्त नहीं है; और लगभग 2.6 बिलियन लोगों को खाना पकाने की आधुनिक सुविधाओं तक पहुँच नहीं है। इनमें से 95% से अधिक लोग उप-सहारा अफ्रीका या विकासशील एशिया में हैं, और 84% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
उदाहरण के लिए, नाइजीरिया में हाल ही में राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के दौरान एक महिला से पूछा गया कि वह उम्मीदवारों से कौन सी चीज़ उपलब्ध किए जाने की उम्मीद करना चाहेगी। उसने एक शब्द में जवाब दिया: "बिजली।" बिजली एक ऐसी बुनियादी चीज़ है, जिससे वह अपना काम करना जारी रख सकती है और उसके बच्चे पढ़ाई करना जारी रख सकते हैं।
अविश्वसनीय या अनुपलब्ध ऊर्जा अफ्रीका और भारतीय उप-महाद्वीप के अधिकांश भागों में, साथ ही एशिया के कुछ अन्य भागों में भी एक समस्या है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार होने से दुनिया के कुछ अत्यधिक गरीब भागों में एक दशक के विकास जितनी प्रगति हो सकती है।
हमारा वैश्विक ऊर्जा संकट नवाचार की कमी से बढ़ गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की लॉरेंस लिवरमोर राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हम जो ऊर्जा इस्तेमाल करते हैं उसका 60% से अधिक भाग उसके उत्पन्न होने के समय से लेकर उसकी खपत किए जाने के बीच नष्ट हो जाता है। इसमें जीवाश्म ईंधनों को बिजली में परिवर्तित करने में अकुशलता, संचार के दौरान हानियाँ, उपभोक्ता द्वारा फिज़ूलखर्च करने की आदत, और बिजली बंद होने को रोकने के लिए एक सुरक्षित भंडार बनाए रखने की जरूरत भी शामिल है।
नवाचार की एक ऐसी नई लहर की आवश्यकता है जो बर्बादी को समाप्त कर सके, प्रदूषण को कम कर सके, और दुनिया भर में ऊर्जा की उपलब्धता तक पहुँच को व्यापक बना सके। इसका अर्थ यह है कि बेतार संचार, मशीन-से-मशीन संचार, स्मार्ट मीटर बनाने, और बेहतर उत्पादन प्रबंधन जैसी दक्षता बढ़ानेवाली प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
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सौर और पवन ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा के स्रोत, परिपक्व और उभरती अर्थव्यवस्थाओं दोनों में ही ऊर्जा की ज़रूरतों के लिए योगदान करने की अच्छी स्थिति में हैं। लेकिन, क्योंकि सूरज हमेशा चमकता नहीं रहता है, और हवा हमेशा बहती नहीं रहती है, इसलिए इन स्रोतों से ऊर्जा अस्थिर रूप से और रुक-रुक कर प्राप्त होती है। और, जब तक हम अक्षय स्रोतों से प्राप्त बिजली को कुशलतापूर्वक संरक्षित करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं तब तक यह एक समस्या बनी रहेगी।
अमेरिकी पश्चिमी विद्युत समन्वय परिषद द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चला है कि ऊर्जा को संरक्षित करने के बेहतर तरीके खोजने पर बिजली के कुल अपव्यय में 18% की कटौती की जा सकती है और बिजली उपयोग की कुशलता को 11% तक बढ़ाया जा सकता है। ऊर्जा भंडारण के बेहतर तरीकों से कम पहुँच वाले उन दुर्गम क्षेत्रों में भी बिजली उपलब्ध करना आसान हो जाएगा जिनमें अभी तक बिजली पूरी तरह उपलब्ध नहीं है, और साथ ही इससे बिजली के प्रायः दुर्लभ स्रोतों का सर्वोत्तम उपयोग करने में मदद मिलेगी।
ऊर्जा के भंडारण के लिए एक सुपरीक्षित विधि इसकी अतिरिक्त क्षमता का उपयोग पानी को जलाशयों में भेजने के लिए करना है ताकि बाद में मांग अधिक होने पर इसका उपयोग टर्बाइनों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जा सके। लेकिन यह विधि केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही व्यावहारिक है, और यह बड़े पैमाने पर व्यावसायिक समाधान के रूप में उपयुक्त नहीं है। अनुसंधान के आशाजनक क्षेत्रों में ग्रिड-स्तर की बैटरियाँ शामिल हैं जिनमें हज़ारों-लाखों बार चार्ज और डिस्चार्ज किए जाने और डेटा विश्लेषण की क्षमता होती है जिससे बैटरियों का इष्टतम उपयोग किया जा सकता है और ग्रिड को यथासंभव अधिक कुशल बनाया जा सकता है।
ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए इतना ही पर्याप्त नहीं है। हमें इसका उपयोग भी कुशलता से करना चाहिए, और अत्याधुनिक भंडारण प्रौद्योगिकी का व्यापक पैमाने पर उपयोग किया जाना समाधान का एक अनिवार्य हिस्सा होगा। दुनिया की ऊर्जा आपूर्तियाँ स्थिर कुशल, सुलभ, और सस्ती हों, इसे सुनिश्चित करने में समय लगेगा। लेकिन सफलताओं की संभावनाएँ साफ दिखाई दे रही हैं। हमारा काम है कि हम उन पर अपनी नज़रें टिकाए रखें।
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America's president subscribes to a brand of isolationism that has waxed and waned throughout US history, but has its roots in the two-century-old Monroe Doctrine. This is bad news for nearly everyone, because it implies acceptance of a world order based on spheres of influence, as envisioned by China and Russia.
hears echoes of the Monroe Doctrine in the US president's threats to acquire Greenland.
Financial markets and official economic indicators over the past few weeks give policymakers around the world plenty to contemplate. Was the recent spike in bond yields a sufficient warning to Donald Trump and his team, or will they still follow through with inflationary stimulus, tariff, and immigration policies?
wonders if recent market signals will keep the new administration’s radicalism in check.
मार्टिगनी, स्विट्ज़रलैंड – यदि हम पृथ्वी पर पड़नेवाले सिर्फ दो मिनट के सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को पकड़कर उसका उपयोग करने में सक्षम हो पाते, तो यह पूरे एक वर्ष के लिए हमारी कारों में ईंधन भरने, हमारी इमारतों को रोशनी और ताप देने, और बिजली की हमारी अन्य सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होती। सीधे शब्दों में कहा जाए तो हम मानव बिजली की कमी का सामना नहीं कर रहे हैं। हम इसे पकड़ने और उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में तकनीकी चुनौती का सामना कर रहे हैं; और इस चुनौती का मुकाबला करने का सबसे कारगर तरीका इसका भंडारण करने के बेहतर तरीकों में निवेश करना है।
आज दुनिया की बहुत सी समस्याओं, तेल की आपूर्तियों के बारे में विवादों और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों के बारे में चिंताओं से लेकर बिजली की कमी और बिजली बंद होने के फलस्वरूप उत्पादकता और उत्पादन की हानि, के मूल में बिजली के उपयोग को देखा जा सकता है। दुनिया के बहुत-से अत्यधिक गरीब भागों में, ऊर्जा की कमी के कारण आर्थिक विकास पिछड़ जाता है। वैश्विक स्तर पर 1.3 बिलियन से अधिक लोगों को बिजली तक पहुँच प्राप्त नहीं है; और लगभग 2.6 बिलियन लोगों को खाना पकाने की आधुनिक सुविधाओं तक पहुँच नहीं है। इनमें से 95% से अधिक लोग उप-सहारा अफ्रीका या विकासशील एशिया में हैं, और 84% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
उदाहरण के लिए, नाइजीरिया में हाल ही में राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के दौरान एक महिला से पूछा गया कि वह उम्मीदवारों से कौन सी चीज़ उपलब्ध किए जाने की उम्मीद करना चाहेगी। उसने एक शब्द में जवाब दिया: "बिजली।" बिजली एक ऐसी बुनियादी चीज़ है, जिससे वह अपना काम करना जारी रख सकती है और उसके बच्चे पढ़ाई करना जारी रख सकते हैं।
अविश्वसनीय या अनुपलब्ध ऊर्जा अफ्रीका और भारतीय उप-महाद्वीप के अधिकांश भागों में, साथ ही एशिया के कुछ अन्य भागों में भी एक समस्या है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार होने से दुनिया के कुछ अत्यधिक गरीब भागों में एक दशक के विकास जितनी प्रगति हो सकती है।
हमारा वैश्विक ऊर्जा संकट नवाचार की कमी से बढ़ गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की लॉरेंस लिवरमोर राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हम जो ऊर्जा इस्तेमाल करते हैं उसका 60% से अधिक भाग उसके उत्पन्न होने के समय से लेकर उसकी खपत किए जाने के बीच नष्ट हो जाता है। इसमें जीवाश्म ईंधनों को बिजली में परिवर्तित करने में अकुशलता, संचार के दौरान हानियाँ, उपभोक्ता द्वारा फिज़ूलखर्च करने की आदत, और बिजली बंद होने को रोकने के लिए एक सुरक्षित भंडार बनाए रखने की जरूरत भी शामिल है।
नवाचार की एक ऐसी नई लहर की आवश्यकता है जो बर्बादी को समाप्त कर सके, प्रदूषण को कम कर सके, और दुनिया भर में ऊर्जा की उपलब्धता तक पहुँच को व्यापक बना सके। इसका अर्थ यह है कि बेतार संचार, मशीन-से-मशीन संचार, स्मार्ट मीटर बनाने, और बेहतर उत्पादन प्रबंधन जैसी दक्षता बढ़ानेवाली प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
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अमेरिकी पश्चिमी विद्युत समन्वय परिषद द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चला है कि ऊर्जा को संरक्षित करने के बेहतर तरीके खोजने पर बिजली के कुल अपव्यय में 18% की कटौती की जा सकती है और बिजली उपयोग की कुशलता को 11% तक बढ़ाया जा सकता है। ऊर्जा भंडारण के बेहतर तरीकों से कम पहुँच वाले उन दुर्गम क्षेत्रों में भी बिजली उपलब्ध करना आसान हो जाएगा जिनमें अभी तक बिजली पूरी तरह उपलब्ध नहीं है, और साथ ही इससे बिजली के प्रायः दुर्लभ स्रोतों का सर्वोत्तम उपयोग करने में मदद मिलेगी।
ऊर्जा के भंडारण के लिए एक सुपरीक्षित विधि इसकी अतिरिक्त क्षमता का उपयोग पानी को जलाशयों में भेजने के लिए करना है ताकि बाद में मांग अधिक होने पर इसका उपयोग टर्बाइनों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जा सके। लेकिन यह विधि केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही व्यावहारिक है, और यह बड़े पैमाने पर व्यावसायिक समाधान के रूप में उपयुक्त नहीं है। अनुसंधान के आशाजनक क्षेत्रों में ग्रिड-स्तर की बैटरियाँ शामिल हैं जिनमें हज़ारों-लाखों बार चार्ज और डिस्चार्ज किए जाने और डेटा विश्लेषण की क्षमता होती है जिससे बैटरियों का इष्टतम उपयोग किया जा सकता है और ग्रिड को यथासंभव अधिक कुशल बनाया जा सकता है।
ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए इतना ही पर्याप्त नहीं है। हमें इसका उपयोग भी कुशलता से करना चाहिए, और अत्याधुनिक भंडारण प्रौद्योगिकी का व्यापक पैमाने पर उपयोग किया जाना समाधान का एक अनिवार्य हिस्सा होगा। दुनिया की ऊर्जा आपूर्तियाँ स्थिर कुशल, सुलभ, और सस्ती हों, इसे सुनिश्चित करने में समय लगेगा। लेकिन सफलताओं की संभावनाएँ साफ दिखाई दे रही हैं। हमारा काम है कि हम उन पर अपनी नज़रें टिकाए रखें।