वाशिंगटन, डीसी - संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप ने अपनी सरहदों के भीतर इबोला वायरस के कुछ छिटपुट मामलों के प्रति बहुत ही अधिक प्रतिक्रिया दिखाई है। घबराहट भरी ये प्रतिक्रियाएँ निरर्थक नहीं हैं। बुनियादी वैज्ञानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करके, वे जन-स्वास्थ्य पर अनिवार्य कार्रवाई के लिए मौलिक नैतिक मानदंडों की अवहेलना करती हैं। और जब नागरिकों की इबोला से रक्षा करने की बात हो - भले ही भविष्य में इस तरह के स्वास्थ्य के वैश्विक संकटों के उभरने को रोकने की बात न भी की जाए - तो इन प्रतिक्रियाओं के परिणाम प्रतिकूल भी हो सकते हैं।
वाशिंगटन, डीसी - संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप ने अपनी सरहदों के भीतर इबोला वायरस के कुछ छिटपुट मामलों के प्रति बहुत ही अधिक प्रतिक्रिया दिखाई है। घबराहट भरी ये प्रतिक्रियाएँ निरर्थक नहीं हैं। बुनियादी वैज्ञानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करके, वे जन-स्वास्थ्य पर अनिवार्य कार्रवाई के लिए मौलिक नैतिक मानदंडों की अवहेलना करती हैं। और जब नागरिकों की इबोला से रक्षा करने की बात हो - भले ही भविष्य में इस तरह के स्वास्थ्य के वैश्विक संकटों के उभरने को रोकने की बात न भी की जाए - तो इन प्रतिक्रियाओं के परिणाम प्रतिकूल भी हो सकते हैं।