अफ्रीकी अभ्युदय में विपुलता की समस्या

न्यूयार्क - अफ्रीका नाटकीय रूप से बदल रहा है - और इसके साथ बाहरी लोगों का इसके प्रति रवैया भी बदल रहा है. आखिरकार संयुक्त राज्य अमेरिका भी अब इस महाद्वीप में चीन, यूरोप और भारत के बराबर दिलचस्पी लेने को तत्पर दीख रहा है. हाल ही में आयोजित अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अफ्रीका के 40 राष्ट्राध्यक्षों और 200 से अधिक अमेरिकी व अफ्रीकी शीर्ष व्यापारियों के साथ शिखर वार्ता एक नए, अधिक आत्मविश्वासी मिजाज का संकेत देती है. यह अपने-आप में उत्साहवर्द्धक है. लेकिन जब तक उप-सहारा अफ्रीका के अनेक देश हिंसक झड़पों, गरीबी और भ्रष्टाचार में पिसते रहेंगे तब तक महाद्वीप की आर्थिक क्षमता को पूरी तरह प्राप्त नहीं किया जा सकेगा.

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